Homeरांचीगांजे का ट्रांसपोटिंग हब बना झारखंड, तस्करी में बिहार No 1

गांजे का ट्रांसपोटिंग हब बना झारखंड, तस्करी में बिहार No 1

साल 2021 में 4 दिसंबर तक प्रदेश में 4,904 किलो गांजा हुआ बरामद

रांची : गांजा तस्करी में बिहार देश का टॉप राज्य है. इसके बाद दूसरे स्थान पर नागालैंड और तीसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश है. मगर अब झारखंड भी गांजा तस्करी में वाले राज्यों की श्रेणी में आ गया है. राजस्व खुफिया निदेशालय की ओर से भारत में तस्करी पर आधारित एक ताजा रिपोर्ट जारी की गई है. रिपोर्ट के अनुसार एक साल के अंतराल के बाद बिहार फिर से सबसे अधिक गांजा की बरामदगी के साथ पहले स्थान पर आ गया है.
रिपोर्ट के अनुसार 2020-21 में बिहार में 12 मामलों में कुल 13,446 किलोग्राम गांजा जब्त किया गया, जबकि नागालैंड में दस मामलों से 9,001 किलोग्राम और उत्तिर प्रदेश में तस्कलरी के छह मामलों से 8,386 किलोग्राम गांजा जब्त किया गया. डीआरआई ने देशभऱ में लगभग 45 मीट्रिक टन गांजा जब्त किया है. छत्तीसगढ़, तेलंगाना, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में भी बड़ी मात्रा में गांजे की बरामदगी दर्ज हुई है.
झारखंड बना गांजा ट्रांसपोटिंग का हब
ओड़िशा, छत्तीसगढ़ से बिहार और यूपी गांजा पहुंचता है. दोनों राज्यों में गांजा पहुंचाने के लिए झारखंड की सड़कों का इस्तेमाल बढ़ा है. इंटरस्टेट तस्करी गैंग झारखंड के रास्ते दूसरे राज्यों तक गांजा पहुंचा रहे हैं. एक प्रकार से झारखंड गांजा तस्करों का ट्रांसपोटिंग हब बनता जा रहा है, तभी तो नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो रांची की टीम ने जनवरी 2021 से अबतक झारखंड के अलग-अलग जिलों से 4 हजार 904 किलोग्राम गांजा बरामद कर चुकी है. नशे के सौदागरों के तार झारखंड, बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल सहित हरियाणा से जुड़े हुए हैं. इन राज्यों में झारखंड के रास्ते गांजा की सप्ताई हो रही है.


प्रदेश में जनवरी 2021 से अबतक कहां कितना गांजा हुआ बरामद
गुमला से 118 किलो गांजा जनवरी माह में बरामद किया गया था.
लातेहार में फरवरी के माह में 114 किलो गांजा मिला था.
फरवरी महीने में ही जमशेदपुर में 515Kg गांजा बरामद हुआ.
फरवरी में सिमडेगा से 1050 किलो गांजा बरामद हुआ.
जून में जमशेदपुर से 697 किलो गांजा जब्त हुआ था.
रांची के रामपुर नामकुम में 114 किलो गांजा बरामद हुआ था.
सितंबर में 330 किलो गांजा जमशेदपुर में बरामद हुआ.
कुडू लोहरदगा से 2 नवंबर को 655 किलो गांजा बरामद किया गया था.
पूर्वी सिंहभूम से 425 किलो गांजा जब्त हुआ.
नामकोम में 2 दिसंबर को 686 किलो गांजा बरामद हुआ.
4 दिसंबर को कांके थाना क्षेत्र में 200 किलो गांजा बरामद हुआ.
झारखंड पुलिस ने बनाई विशेष टीम, मेल पर दे सकते है जानकारी
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने मेल ncbranchi@gmail.com जारी किया है. इस मेल पर तस्करों की जानकारी दे सकते हैं. वहीं झारखंड पुलिस ने नशे के सौदागरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए स्पेशल टीम बनाई है. विशेष टीम अवैध कारोबार से जुड़े तस्करों पर अपनी पैनी नजरें जमाए हुए हैं. सूचना पर टीम के सदस्य लगातार कार्रवाई कर रहे हैं.

प्रदेश में हर वर्ष बढ़ रहे है NDPS एक्ट के मामले
नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस की रिपोर्ट बताती है कि झारखंड में लगातार नशे की तस्करी और सप्लाई के मामलों में बढ़ोत्तरी हो रही है. वर्ष 2018 में एनडीपीएस एक्ट के तहत 34 मामले दर्ज हुए थे. वर्ष 2019 में मामला बढकर 65 हो गया. वर्ष 2020 में संख्या 168 तक पहुंच गया. वहीं इस वर्ष 2021 में अबतक 318 मामले दर्ज हो चुके हैं. जिसमें 142 केसों के साथ हज़ारीबाग जिला सबसे उपर है. इसके बाद रांची 65 मामलों के साथ दूसरे स्थान पर और 50 मामलों के साथ चाईबासा तीसरे स्थान पर है.


गांजा से राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए होती है फंडिंग
गांजा को नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस अधिनियम के तहत कंट्रोल किया जाता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह एक राष्ट्रीय सुरक्षा चिंता का विषय भी है क्योंकि गांजे की तस्करी गतिविधियों में शामिल क्षेत्र वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित हैं. गांजे की तस्करी से होने वाली अवैध आय का इस्तेमाल ऐसे चरमपंथी समूहों द्वारा राष्ट्र विरोधी गतिविधियों की फंडिंग के लिए किया जाता है.

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