आज दिनांक 29 अक्टूबर 2021 को पँखराज बाबा कार्तिक उरांव की संतानबे वीं जयंती केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय कार्यालय लाइन टैंक रोड रांची में उनके तस्वीर पर माल्यार्पण कर की गई । इस अवसर पर श्री जगलाल पाहन ने उनके साथ बिताए गए पलों को स्मरण करते हुए बताया कि वर्ष 1968 में सांसद रहते हुए उन्होंने आदिवासियों की स्थिति – परिस्थितियों को देखते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी से विचार – विमर्श कर 33 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति का गठन करवाया तत्पश्चात लोकसभा एवं राज्यसभा के 348 सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित बिल सदन के पटल पर रखा , जिसमें आदिवासियों के धर्मांतरण के पश्चात आरक्षण समाप्त करने की मांग की गई थी , जो आज भी लंबित है । अध्यक्ष श्री बबलू ने इस अवसर पर सरकार से मांग की कि बाबा कार्तिक उरांव एवं अन्य महापुरुष , स्वतंत्रता सेनानी एवं समाजसेवी जिन्होंने झारखंड की धरती पर जन्म लिया एवं झारखंड एवं सम्पूर्ण भारत उनकी कर्मभूमि रही वैसे भी वीर सपूतों की जीवनी स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल की जाए ताकि लोग प्रेरित होकर झारखंड की धरती का नाम रोशन कर सकें । महासचिव श्री कृष्ण कांत टोप्पो ने भारत भर के आदिवासियों को बाबा कार्तिक उरांव को प्रेरणा स्रोत मानकर समाज हित में कार्य करने पर जोर दिया ताकि आदिवासी समाज सफलता की बुलंदियों की ओर अग्रसर रहें और विकसित हो सके।।
पँखराज बाबा कार्तिक उरांव की संतानबे वीं जयंती केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय कार्यालय लाइन टैंक रोड रांची में उनके तस्वीर पर माल्यार्पण कर की गई ।
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