धनबाद ‘ धनबाद संस्करण के तत्कालीन पुरानी पीढ़ी के दिग्गज संपादक विजय सिंह विद्याव्रत का गोंडा में निधन हो गया। वह 91 वर्ष के थे। इनदिनों वह पैतृक घर में निवास कर रहे थे। वह बाबू पारसनाथ सिंह, विद्याभास्कर और चंद्र कुमार जी जैसे दिग्गज संपादकों के साथ काम कर चुके थे। युग तुलसी पंडित रामकिंकर उपाध्याय के प्रवचन की रिपोर्टिंग उन्हीं की शुरू की गई परंपरा थी। अंग्रेजी से हिंदी और हिंदी से अंग्रेजी के वह उच्चकोटि के अनुवादक थे। कई भाषाओं के जानकार थे। नवजात पत्रकारों को वह एकमुश्त 20 से 25 अंग्रेजी के तार पकड़ा देते थे। अनुशासन के मामले में भी बहुत कड़क थे। खबर लिखना शुरू करते तो समापन होने पर ही कलम रुकती थी, लिखावट ऐसी कि कुछ ही आपरेटर उसे पढ़ पाते, एकदम चील-बिलऊआ लिखते थे। उनकी पत्नी के देहावसान के बाद वह काफी कमज़ोर हो गये थे.
उनके निधन की खबर पाकर उनके साथ धनबाद संस्करण में कार्य करने वाले पत्रकारों को काफी गहरा आघात लगा है. उनके निधन पर विनय झा, अजय सिन्हा, दिलीप अन्जाना,दिनेश पुरी, विनय वर्मा आदि ने शोक जताया है.