बिहार के बेगूसराय के छात्र ने एक बार फिर साबित कर दिया कि जिले में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। शहर के सब्जी बाजार मुंगेरीगंज निवासी राकेश चौधरी के पुत्र ऋतुराज ने सर्च इंजन गूगल में बग खोजने का दावा किया है। इन्होंने इससे पूर्व अन्य तीन कंपनियों के वेबसाइट पर भी बग ढूंढने का दावा किया है। इस बीच सोशल मीडिया पर खबर वायरल होने लगी कि बिहार के छात्र ने गूगल की गलती को किया उजागर और उसे अब गूगल की ओर से 31 हजार डॉलर का इनाम दिया जाएगा।
ऋतुराज ने बताया है कि गूगल सबसे बड़ा सर्च इंजन है लेकिन उसकी साइट पर ब्लैक हैट हैकर्स एक रास्ते से हमला कर सकते हैं, जिसका उन्होंने पता लगाकर गूगल को रिपोर्ट की है। उन्होंने बताया कि गूगल ने रिपोर्ट मिलने के बाद उसमें सुधार कर रही है। बता दें कि बग यानी वेबसाइट कंपनियां अपने वेबसाइट पर खामियां ढूंढने की इजाजत आमलोग को भी देती हैं, ताकि उस वेबसाइट को पता चल सके कि उनके वेबसाइट में क्या कमियां है, जिससे कोई साइबर हैकर्स उनके वेबसाइट को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके लिए संबंधित कंपनी बग ढूंढने वाले को मेहनताना भी देती हैं। ऋतुराज ने वही कमियां सर्च इंजन गूगल में खोज निकाला है, जहां से कोई भी गलत हैकर्स गूगल वेबसाइट को नुकसान पहुंचा सकता है।
ऋतुराज ने बताया कि उनके द्वारा बताए गए बग को गूगल की टीम ने स्वीकार कर लिया है और इसकी वो जांच कर रहे है। बग स्वीकार हो जाने के बाद बाद ऋतुराज को भी गूगल की तरफ से मेहनताना दिया जा सकेगा। हालांकि ऋतुराज ने कहा कि गूगल में बग यानी खामी पता उन्होंने अपनी रिसर्च को दौरान लगाया था और इसकी सूचना उन्होंने गूगल कंपनी को भी दे दी। उनके द्वारा भेजे गए स्क्रिनशॉट को गूगल द्वारा स्वीकार भी कर लिया गया। लेकिन फिलहाल कंपनी इसके लिए मुझे कोई मेहनताना देगी या नहीं देगी, इसका कोई लिखित कंपनी की ओर से नहीं दिया गया है।
ऋतुराज बिहार के बेगूसराय जिले स्थित सब्जी बाजार रोड मुंगेरीगंज के रहने वाले है। ये मणिपुर से आईआईटी से बीटेक के सेकेंड ईयर के छात्र है। ऋतुराज के पिता बेगूसराय के एक आभूषण व्यवसाई है। ऋतुराज ने दसवीं तक कि पढ़ाई जिले के सेंट जोसेफ पब्लिक स्कूल से की है। आगे की पढ़ाई के लिए कोटा चले गए थे। फिलहाल वे सायबर सिक्योरिटी का कोर्स कर रहे हैं और अपनी आईआईटी की पढाई कर रहे हैं।
ऋतुराज ने बताया कि उनकी रुचि साइबर सिक्योरिटी एंड हैकिंग में है। बग हंटिंग उन्होंने छह महीने पहले शुरू की थी। इस विषय में उन्हें 10वीं क्लास से रुचि होने लगी थी। इसमें स्कूल के प्रिंसिपल और उनके पापा ने खूब मदद की। उन्होंने कहा कि समाज में सिर्फ बुरे हैकर्स नहीं होते, बल्कि अच्छे हैकर्स भी होते हैं, जो समाज को बचाने का काम करते हैं और मैं वही अच्छा हैकर्स बनना चाहता हूं।