Latehar: जिले के बरवाडीह थाना क्षेत्र के मुख्य बाजार स्थित मनीष लॉज के कमरे से गुरूवार को एक युवक की लाश पंखे में केबुल वायर के सहारे लटकी बरामद की गयी. युवक की पहचान शनि कुमार के रूप में हुई है. शनि कुमार बरवाडीह के आरओएच में वर्ष 2020 से पदस्थापित थे. शनि धनबाद के रामटोली आउट हाउस के निवासी थे. डयूटी से लगातार गायब रहने पर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई चल रही थी. इस सिलसिले में उन्हें नोटिस जारी किया गया था. नोटिस पर शनि दो दिन पहले बरवाडीह आए थे. शनि ने आत्महत्या क्यों की, उनकी मौत कैसे हुई, इसका खुलासा नहीं हो पाया है. पुलिस जांच में जुटी है.जानकारी के अनुसार मनीष लॉज के संचालक द्वारा रोज की तरह लॉज में ठहरे लोगों से पूछताछ को लेकर कमरे को खुलवाया गया पर कई बार आवाज देने के बाद शनि कुमार का कमरा नहीं खुला. जब कमरे में धक्का लगाया गया तो फंदे से झूलता हुआ शनि का शव दिखा. संचालक द्वारा मामले की सूचना थाने को दी गई. सूचना पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी दिलु लोहरा, थाना प्रभारी श्रीनिवास सिंह और सब इंस्पेक्टर राहुल मेहता मौके पर पहुंचे. शव को अपने कब्जे में लिया और रूम को सील करके पड़ताल शुरू की.कमरे से मिले कागजात और आधार कार्ड के अनुसार युवक की पहचान धनबाद के रामटोली आउट हाउस निवासी शनि कुमार के रूप में हुई. पूछताछ से पता चला कि पिछले 2 दिनों से शनि लॉज में ठहरे हुए थे. वहीं जांच दौरान पुलिस को यह अभी पता चला कि उक्त युवक आरओएच कर्मी था और बरवाडीह में वर्ष 2020 से पदस्थापित थे. ड्यूटी से हमेशा गायब रहने के कारण उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई (रेलवे की धारा एसएफ़-5) चल रही थी. मामले में नोटिस भेजकर उन्हें बुलाया गया था और उसी सिलसिले में वह आए हुए थे. मामले की जांच रेलवे के आरओएच अधिकारी मिथिलेश राम कर रहे थे.
फिलहाल पुलिस के द्वारा कमरे में मिले बैग, कागजात समेत सभी सामानों को जप्त करके पूरे मामले की जांच की जा रही है. साथ ही शव को पोस्टमार्टम के लिए लातेहार सदर अस्पताल में भेज दिया गया है. मृतक रेलकर्मी के परिवार को सूचित किया गया है. लॉज संचालक के अलावा साथी रेलकर्मियों से मामले को लेकर पूछताछ की जा रही हैं.
बरवाडीह के एसडीपीओ दिलू लोहरा ने बताया कि रेलकर्मी का शव मनीष लॉज के कमरे में फंदे से झूलता मिला है. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने के बाद सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है और मौत के कारणों का पता लगाया जा कर रही है. लॉज संचालक, विभाग के अधिकारियों और परिवार के लोगों से पूछताछ के बाद ही पूरा मामला स्पष्ट हो पाएगा.