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सोलर सिंचाई से अगले छह माह 20 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचाई का लक्ष्य, महिला किसान हो रही हैं लाभांवित

Ranchi : सोलर पंप माउंटेड साइकिल इकाइयों से झारखण्ड के दूरस्थ क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधा सुनिश्चित हो रही है.जेएसएलपीएस संचालित जोहार परियोजना से राज्य के 988 उत्पादक समूहों को चलंत सोलर पंप एवं 650 सोलर लिफ्ट सिंचाई उपकरण उपलब्ध कराये गये हैं, जिसके माध्यम से लगभग 19,650 किसानों को सीधा लाभ मिल रहा है.

सोलर चलंत पंप गाँव और खेत के दुर्गम रास्तों पर भी ले जाया जा सकता है. इससे किसानों को रबी आदि की फसलों को सिंचित करने में मदद मिल रही है. आगामी 6 महीनों में कुल लिफ्ट इकाइयों की संख्या बढ़ा कर 1310 करने की योजना है. इसके एवज में 1200 इकाइयों का पंजीकरण व स्थल निरीक्षण कर स्वीकृत किया जा चुका है.

90 प्रतिशत अनुदान पर मिल रही सोलर लिफ्ट सिंचाई की सुविधा

वहीं आगामी 6 महीने में कुल सिंचित भूमि बढ़ा कर 20 हज़ार हेक्टेयर तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए परियोजना के तहत सिंचाई की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है. उत्पादक समूह से जुड़े किसानों को 90 प्रतिशत अनुदान पर सोलर लिफ्ट सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है.राज्य भर में अब तक 650 इकाइयों को वाटर यूजर ग्रुप के माध्यम से सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है. करीब 650 इकाइयों से कुल 8745 हेक्टेयर (लगभग 21,600 एकड़) खेत में सिंचाई के लिए सालों भर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है.

आसानी से पहुंच रहा खेतों में पानी

खूंटी के कर्रा स्थित सांगोर गांव की बाहलेन अब आसानी से अपने खेतों तक पानी पहुंचा पा रही हैं. यहां की 33 महिलाएं उच्च मूल्य कृषि के तहत सब्जियों की खेती कर रही हैं. झारखण्ड में छोटे एवं सीमांत किसानों के खेतों तक सिंचाई की सुविधा पहुंचाने के मुश्किल कार्य को सोलर पंप माउंटेड साइकिल के जरिए आसान बनाया गया है.

जिन खेतों तक साधारण पंप से पानी पहुंचाना मुश्किल होता था, आज जोहार परियोजना के माध्यम से उत्पादक समूह की महिलाएं साईकिल आधारित सोलर पंप से छोटे–छोटे खेतों तक आसानी से सिंचाई सुविधा उपलब्ध करा रही है.

जोहार परियोजना से मिल रहा लाभ

खूंटी के मुरहू प्रखंड स्थित पंचघाघ जलप्रपात से सटे कोलोम्दा गांव के उत्पादक समूह की 46 महिला किसान अग्रणी किसान हैं, लेकिन खेती योग्य ज़मीन होते हुए भी उपज ज्यादा नहीं हो पाती थी. उत्पादक समूह की सदस्य राधिका देवी बताती हैं कि हम वर्षों से ही खेती-बाड़ी पर निर्भर रहे हैं. हम सभी पारंपरिक ढंग से खेती करते आ रहे हैं. सिंचाई की समस्या से बहुफसलीय खेती नहीं कर पा रहे थे. लेकिन, अक्टूबर 2020 में जोहार परियोजना हमारे लिए वरदान बन कर आयी.

क्या कहती हैं अधिकारी

जोहार परियोजना अंतर्गत उत्पादक समूहों के जरिए महिलाओं का वाटर यूजर ग्रुप बनाकर पानी की कमी वाले इलाकों में सिंचाई की सुविधा मुहैया कराई जा रही है. सोलर आधारित लिफ्ट सिंचाई इकाई एवं साइकिल माउंटेड सोलर पंप ग्रामीण महिलाओं के वाटर यूजर ग्रुप को उपलब्ध कराया गया है. राज्य के करीब 20 हजार किसान परिवारों को इस पहल के जरिए सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है.

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