Chaibasa : खनिज के अवैध परिवहन मामले को लेकर अलीजा आयरन एंड स्टील के संचालक मनोज सहाय पर हाटगम्हरिया थाना में प्राथमिकी दर्ज हुई है. जिला खनन विभाग ने सहाय के नोवामुंडी के कांडेनाला क्षेत्र में स्थित अलीजा आयरन एंड स्टील का प्लॉट लाइसेंस भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. हाटगम्हरिया थाने में 9 फरवरी 2022 को दर्ज प्राथमिकी में कंपनी के संचालक मनोज सहाय के साथ-साथ अवैध खनिज (कोयला फाइंस) के साथ जब्त ट्रक के चालक व मालिक रंजीत कुमार वैद्य को आरोपी बनाया गया है. हाटगम्हरिया पुलिस ने तीन फरवरी, 2022 को माइनिंग चेकनाका के पास जांच के क्रम में ओडिशा नंबर के एक ट्रक को रोका था. चालक से जब ट्रक पर लदे खनिज से संबंधित माइनिंग चालान व अन्य दस्तावेज दिखाने को कहा गया, तो वह दिखा नहीं पाया. इसके बाद पुलिस ने जिला खनन पदाधिकारी को सूचना दी.
जांच में कोल फाइंस के अवैध परिवहन का मामला निकला
खनन विभाग के पदाधिकारी ने हाटगम्हरिया जाकर जब्त खनिज का सैंपल लेकर मेसर्स सेल की नजदीकी प्रयोगशाला में भेजा. प्रयोगशाला से आयी रिपोर्ट से यह पुष्टि हुई की ट्रक पर लदा खनिज कोयला फाइंस है. उक्त कोल फाइंस अलीजा आयरन एंड स्टील कंपनी की ओर से लोड कराया गया था, जिसमें किसी भी प्रकार का कोई भी खनन चालान कंपनी द्वारा नहीं दिया गया था. इससे स्पष्ट होता है कि कोयला फाइंस का परिवहन अवैध रूप से बिना माइनिंग चालान के किया जा रहा था, जो खान एवं खनिज अधिनियम 1957 की धारा-4 का उल्लंघन है तथा नियम 21 के तहत दंडनीय है. बताया जा रहा है कि जब्त कोयला फाइंस पहले विशाखापट्नटम से लाकर अलीजा कंपनी के ओडिशा के क्योंझर स्थित प्लॉट में रखा गया था. वहां से ट्रक में लोड कर उसे बिना दस्तावेज के बिहार के नवादा भेजा जा रहा था. इसी क्रम में पश्चिम सिंहभूम जिले के हाटगम्हरिया थाना अंतर्गत स्थापित माइनिंग चेकनाका पर जांच के क्रम में मामला पकड़ में आ गया.
पहले से भी दर्ज हैं खनिज तस्करी के मामले
इससे पहले भी उक्त प्लॉट से बीते वर्ष 21 जुलाई को माइनिंग चालान के सीरियल नम्बर- एफ52100210/18 एवं ट्रक संख्या- बीआर01जीएच- 3657 द्वारा 27.620 टन लौह अयस्क का क्रस्ड फाइंस पश्चिम बंगाल के हल्दिया प्लॉट भेजा गया था. इस मामले की जांच जगन्नाथपुर के एसडीओ शंकर एक्का व किरीबुरु के एसडीपीओ अजीत कुमार कुजूर ने 13 अगस्त 2021 को की थी. जांच के दौरान नोवामुंडी स्थित प्लॉट में लौह अयस्क का स्टॉक अथवा भंडार या वहां से बीते एक माह के दौरान किसी भी वाहन से परिवहन होने संबंधित कोई प्रमाण नहीं मिला था. बड़ा सवाल यह है कि जब इस प्लॉट में लौह व फाइंस अयस्क नहीं है, तो यहां से समय-समय पर माइनिंग चलान के जरिये लौह अयस्क (साइज ओर) व फाइंस की ढुलाई कैसे होती रहती है . सूत्रों का कहना है कि मनोज सहाय जमशेदपुर के अयस्क तस्करों से मोटी रकम लेकर हमेशा फर्जी माइनिंग चालान भी बेचता रहा था. मनोज सहाय के खिलाफ सिर्फ हाटगम्हरिया थाना में ही अवैध खनिज की तस्करी से संबंधित चार मामले दर्ज हैं. इसकी पुष्टि थाना प्रभारी बालेश्वर उरांव ने की.