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क्वार्टर रिपोर्ट जमा कराने की डेडलाइन खत्म, बिल्डर्स को रियल इस्टेट रेगुलेटरी आथोरिटी भेजेगा नोटिस

Ranchi: राजधानी समेत राज्यभर में बिल्डर्स के प्रोजेक्ट चल रहे है. पहले से कई प्रोजेक्ट पूरे भी हो चुके है. वहीं नए प्रोजेक्ट का काम चल रहा है. अब मॉनिटरिंग करने वाली झारखंड रियल इस्टेट रेगुलेटरी आथोरिटी (झारेरा) ने बिल्डर्स पर सख्ती शुरू कर दी है. वहीं उनसे प्रोजेक्ट की क्वार्टर रिपोर्ट देने को कहा गया है. इसके बावजूद बिल्डर्स प्रोजेक्ट की रिपोर्ट रेरा को नहीं दे रहे है. अब बिल्डर्स को दी गई 30 जनवरी की डेडलाइन खत्म हो गई है. ऐसे में रेरा बिल्डर्स को नोटिस भेजेगा. वहीं उनपर भारी भरकम जुर्माना लगाया जाएगा. बताते चलें कि झारखंड में ऐसे सैकड़ों प्रोजेक्ट का काम चल रहा है.

बताना होगा देरी का वास्तविक कारण

प्रोजेक्ट की क्वार्टर रिपोर्ट मांगने के पीछे रेरा का उद्देश्य यह था कि बिल्डर अपनी मनमानी न करें. वहीं ग्राहकों को ठगने से बचाने में भी इसकी अहम भूमिका होगी. लेकिन बिल्डर्स ने बार-बार डेडलाइन दिए जाने के बाद भी रिपोर्ट नहीं दी. अब नोटिस के बाद उन्हें रिपोर्ट में देरी के लिए जेन्यूइन कारण बताना होगा. वहीं रेरा उनका पक्ष भी सुनेगा. इसके बाद भी वे अपना पक्ष ढंग से नहीं रख पाते है तो उनपर हेवी जुर्माना लगाया जाएगा.

प्रोजेक्ट में देरी पर भी कार्रवाई

रेरा ने बिल्डर्स से सख्ती से निपटना शुरू कर दिया है. जिसके तहत प्रोजेक्ट तैयार करने की भी डेडलाइन तय है. ऐसे में अगर बिल्डर प्रोजेक्ट में देरी करता है तो उसे रेरा से एक्सटेंशन लेना होगा. वहीं इस दौरान उसे प्रोजेक्ट बुक किए गए प्लाट या फ्लैट ओनर को हर्जाना भी देना होगा. जिससे साफ है कि रेरा किसी भी हाल में बिल्डर्स को राहत देने के मूड में नहीं है.

ऑफलाइन से ऑनलाइन में रूचि नहीं

रेरा में फिलहाल 842 प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड है. जिसमें से ऑफलाइन 607 प्रोजेक्ट है, जबकि 235 ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है. इसके अलावा 25 लोग ऑफलाइन से ऑनलाइन में आए है. जिन्होंने अपने प्रोजेक्ट से जुड़े कागजात को आनलाइन अपलोड कर दिया है. जिससे कि रेरा के पास इसका रिकार्ड रहेगा. बाकी के लोग अब भी ऑफलाइन से ऑनलाइन मोड में आने में रूचि नहीं दिखा रहे है. अब इन बिल्डर्स पर भी रेरा एक्शन की तैयारी में है.

इस मामले में रेरा की चेयरमैन सीमा सिन्हा ने कहा कि राज्य में सैकड़ों प्रोजेक्ट है. इसलिए हमलोग फाइन लगाकर एकतरफा कार्रवाई नहीं कर सकते. नोटिस भेजकर उन्हें एक मौका दिया जाएगा. अगर वे अपना पक्ष सही ढंग से नहीं रख पाते है और उचित कारण नहीं बताते है तो उनपर एक्ट के तहत एक्शन होगा.

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