Ranchi: झारखंड सरकार ने प्रशाखा पदाधिकारी वित्त विभाग संजय कुमार सिन्हा पर विभागीय कार्यवाही चलाने का निर्णय लिया है. उनके उपर बिहार के कार्मिक विभाग में सहायक के पद पर रहते हुए गंभीर आरोप लगे थे और इस मामले में बिहार सरकार के कार्मिक विभाग ने झारखंड को साक्ष्य सहित आरोप पत्र उपलब्ध कराया है. संजय सिन्हा पर बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा उप समाहर्ता के पद पर चयन के लिए आयोजित प्रथम सीमित प्रतियोगिता परीक्षा 2003 में सुनियोजित साजिश रचकर अन्य लाभार्थियों से मिलकर भ्रष्ट आचरण अपनाते हुए अवैध तरीके से अनुशंसा प्राप्त करने का आरोप है. इस मामले में निगरानी ब्यूरो ने 29 दिसंबर 2003 को उन्हें गैर प्राथमिक अभियुक्त भी बनाया है. निगरानी ब्यूरो बिहार पटना द्वारा समर्पित आरोप पत्र में उल्लेख है कि संजय सिन्हा ने पेपर-2 की उत्तर पुस्तिका में 87 बार रबर (Eraser) का प्रयोग किया,इसकी पुष्टि भी जांच में विधि विज्ञान प्रयोगशाला पटना द्वारा किया गया. ऐसे में पूरे मामले में संजय सिन्हा से स्पष्टीकरण पूछा गया. इस मामले में उनके जवाब से विभाग संतुष्ट नहीं हुआ और 87 बार रबर का प्रयोग करने के मामले की गंभीरता को देखते हुए उनपर विभागीय कार्यवाही चलाने का निर्णय लिया है. भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रामाकांत सिंह को विभागीय संचालन पदाधिकारी नियुक्त किया गया है,वहीं वित्त विभाग के अवर सचिव लाल हेमंत नाथ शाहदेव को प्रस्तुतीकरण पदाधिकारी के पद पर नियुक्त किया गया है. इस संबंध में कार्मिक विभाग ने आदेश जारी कर दिया है.