Jamshedpur : झारखंड गैर सरकारी विद्यालय संघ की बैठक पूर्वी सिंहभूम के मानगो में हुयी जिसमें सरकार एवं आपदा प्रबंधन विभाग के स्कूलों को खोलने संबंधी निर्णयों पर चर्चा की गयी. कहा गया कि 17 जिलों में पहली कक्षा से जबकि सात जिलों में नवम कक्षा से विद्यालय खोलने का फैसला समझ से परे है. यह सरकार की दोहरी नीति का परिचायक है.
संघ के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद ताहिर हुसैन ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि अजीबोगरीब बात है कि कि चाईबासा और सरायकेला की सीमा पर स्थित एक गांव के बच्चे स्कूल जायेंगे और उसके बगल के गांव के बच्चें स्कूल नहीं जा सकेंगे. लगता है कि बच्चों के भविष्य को लेकर एवं निजी स्कूलों के शिक्षकों एवं प्रबंधकों के प्रति सरकार की संवेदना ही मर गई है. निजी विद्यालय के शिक्षक भुखमरी के कगार पर आ गए हैं और कई स्कूल बंद हो चुके हैं.
अभिभावकों में निराशाः शिव प्रकाश
संघ के प्रदेश महासचिव शिव प्रकाश शर्मा ने कहा कि लगता है कि सरकार बच्चों के भविष्य को लेकर एकदम संवेदनहीन हो गई है. दो साल से बच्चें घर पर हैं. बच्चों के व्यवहार में बहुत परिवर्तन हो गया है. बच्चे चिड़चिड़े और गुस्सैल हो रहे हैं. अविभावकों को भी बहुत उम्मीद थी स्कूल पहली कक्षा से खुलने की. सरकार के निर्णय से अब अविभावक हताश और आक्रोश में हैं.
पुतला दहन का लिया गया फैसला
बैठक में निर्णय लिया गया कि जिन जिलों में विद्यालय पहली कक्षा से नहीं खोले गए हैं उन जिलों में बुधवार शाम 4.30 बजे प्रमुख चौराहों पर मुख्यमंत्री और आपदा प्रबंधन मंत्री का पुतला दहन किया जाएगा. उसके बाद भी अगर सरकार सभी जिलों में पहली कक्षा से विद्यालय नहीं खोलती है तो निजी विद्यालय बच्चों के अभिभावकों एवं शिक्षकों के साथ सरकार के खिलाफ रोड पर उतरेंगे.
साथ ही निर्णय लिया कि जरूरत पडी तो राजधानी रांची में पूरे प्रदेश से निजी विद्यालय प्रतिनिधि एवं अभिभावक मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे.
बैठक में इनकी रही मौजूदगी
धन्यवाद ज्ञापन संघ के कोषाध्यक्ष उमा शंकर पाठक ने किया. बैठक में प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश प्रसाद श्रीवास्तव, मोहम्मद इकबाल, भरत शर्मा सहित कइ विद्यालयों के चेयरमैन, डायरेक्टर एवं प्रिंसिपल उपस्थित थे.