Ranchi: राजधानी रांची में मोरहाबादी मैदान के आसपास दुकान लगाने वाले वेंडर्स व नगर निगम के बीच विवाद गहरा गया है. निगम की वादाखिलाफी के विरोध में वेंडर्स आज से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं. साथ ही चेतावनी दी है कि यदि जल्द उनकी दुकानें नहीं सजती है तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा. इसके लिए रांची नगर निगम जिम्मेदार होगा.
मालूम हो कि रांची नगर निगम ने मोरहाबादी में वेंडर्स को दुकान लगाने के लिए बापू वाटिका से स्टेडियम के पीछे तक जगह उपलब्ध कराई थी. लेकिन भूमि पूजन के बाद जब वेंडर्स अपनी दुकान शिफ्ट करने में जुटे थे तभी नगर निगम के अधिकारियों ने आकर इस पर रोक लगा दी. अब वेंडर्स दिए गए स्थान पर दुकान लगाने की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए हैं. वहीं वेंडर्स की मांग है कि नगर निगम ने जो जगह उन्हें आवंटित की है वहीं पर दुकान लगाने की परमिशन दी जाए. ऐसा नहीं होगा तो वे अपना आंदोलन तेज करेंगे. बताते चलें कि 27 जनवरी को गैंगवार के बाद से सभी दुकानों को बंद करते हुए धारा 144 लागू कर दिया गया है.
वेंडर्स ऑक्सीजन पार्क के सामने स्थित जगह को उपयुक्त बताते हुए दुकान लगाने की मांग कर रहे थे जबकि निगम निगम ने स्टेडियम के पीछे जगह दिखाई. दुकानदार मान्या पैलेस के सामने व उसके सामने से रजिस्ट्री आफिस के सामने तक के स्थल के लिए तैयार थे. वहीं आक्सीजन पार्क के सामने से लेकर स्टेडियम के बाह मान्या पैलेस तक लगाने को भी तैयार हो गए. इसके बाद भी निगम से बात नहीं बनी.
4 फरवरी: धरने पर लौटे फुटपाथ दुकानदार
निगम की टीम जेसीबी लेकर मान्या पैलेस के सामने सफाई व समतलीकरण के लिए पहुंची. भारतीय खेल प्राधिकरण के पदाधिकारियों ने फायरिंग की धमकी देकर काम रोक दिया. साईं ऑथोरिटी के लोगों ने ज़मीन पर पार्किंग का हक जताया. इसके बाद जेसीबी से रजिस्ट्री ऑफिस के सामने से लेकर मान्या पैलेस तक स्टेडियम के किनारे समतलीकरण कार्य जारखंड ओलंपिक एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बंद करवा दिया. निगम के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे में वे फिर से धरने पर बैठ गए. अल्बर्ट एक्का चौक पर प्रदर्शन भी किया.
5 फरवरी: निगम को 72 घंटों का अल्टीमेटम
मोरहाबादी के फुटपाथ दुकानदारों का सब्र जवाब दे गया. उन्होंने कहा कि आवंटित जगहों पर कोई बातचीत नहीं हो सकी. स्टेडियम प्रबंधन, भारतीय खेल प्राधिकरण और ओलंपिक एसोसिएशन दुकान लगाने के विरोध में अड़ा रहा. निगम ने भी इसपर कोई पहल नहीं की. 9 दिन बीतने के बाद दुकानदारों ने नगर निगम को 72 घंटे का अल्टीमेटम दे दिया. वैकल्पिक जगह की व्यवस्था करने की मांग की. साथ ही कहा कि भूखे मरने से अच्छा है कि सरकार की गोली खाकर मरें या सरकार हमें जेल भेज दें.
6 फरवरी: मोमबत्ती जलाकर जताया विरोध
एक गैंगस्टर की हत्या की गाज मोरहाबादी के वेंडर्स पर गिरी. दस दिनों से अपने हक़ की लड़ाई लड़ रहे दुकानदार इस आस में बैठे रहे कि उनका दर्द दूर होगा. सरकार से न्याय की आस लिए दुकानदार हाथों में मोमबत्ती लेकर शाम को अपने अपने दुकानों के सामने बैठ गए और विरोध जताया. पुलिस से भिड़ंत होने के बावजूद अपनी दुकानों के पास से मायूस होकर लौट गए. साथ ही कहा कि अब मंगलवार से वे अपनी दुकानें खोलेंगे.
7 फरवरी:आंदोलन समाप्त, बुधवार से खुलनी थी दुकानें
ग्यारह दिनों से लड़ाई लड़ रहे मोरहाबादी के दुकानदारों ने राहत की सांस ली. फुटपाथ दुकानदारों के लिये नगर निगम ने फुटबॉल स्टेडियम के ठीक पीछे जेसीबी लगाकर समतलीकरण करा दिया. निगम के अधिकारियों ने स्टेडियम के ठीक पीछे की ज़मीन जहां साप्ताहिक बाजार लगता है उस जगह पर दुकान लगाने की सहमति बनी.
8 फरवरी: वादों से मुकरा नगर निगम
रांची नगर निगम की ओर से आवंटित जगह पर दुकानदारों के ने भूमि पूजन किया. शाम में वे जब दुकानदार दुकानें लगा रहे थे तब नगर निगम के अपर नगर पहुंचे और दुकानों की शिफ्टिंग रोक दी. उन्होंने एक दिन रुकने की बात कही और कहा कि नगर निगम के द्वारा ज़मीन की मापी की जाएगी. इसके बाद कोई निर्णय लिया जाएगा. इसके बाद दुकान खोलने पर फिर से रोक लग गई. संघ ने कहा कि आनन-फानन में जगह तो दे दी गई लेकिन अपनी गलती पकड़ में आने के बाद रांची नगर निगम अपने वादे से मुकर गया.
9 फरवरी: मानव श्रृंखला बनाकर दिखाई एकता
दुकानदार मोरहाबादी में नगर निगम द्वारा दुकान के लिए चयनित स्थल पर इकट्ठा होने लगे. एकत्रित होकर एक दूसरे का हाथ थाम कर लंबी मानव श्रृंखला बनाई और दुकान लगाने की मांग की. उन्होंने कहा कि रसूखदारों के अतिक्रमण को नगर निगम नहीं हटा पा रही है और रोज कमाने खाने वालों का हक छीन रही है. स्थल को समतल किया जा चुका है एवं साफ सफाई की जा चुकी है. अब नगर निगम बेतुकी बातें कर कर अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहा है.